मुस्कुराते अल्फाज
कुछ लफ़्ज़ों से कह पाऊँ कुछ आँखों से जता पाऊँ ख्याल बस इतना सा है मोहब्बत से ज़िन्दगी जी पाऊँ
Saturday 29 October 2016
कभी हम भी मुस्कुरा लेंगे........................
भूले से भी ना भूलेंगे गुजरे ज़माने
कभी हम भी मुस्कुरा लेंगे तेरे बहाने
रात खामोश होगी कभी चुप होंगे सितारे
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