Wednesday 31 May 2017

सब जग सोये हम जागे तारों से करे बातें चांदनी रातें ...................

रातें चाहे चांदनी हो या बारिश वाली मुझे तो दोनों ही पसंद है आपका क्या ख्याल है ? और ये रातें इतनी प्यारी क्यूँ लगती है उसकी तो वजह भी है जिन लोगों ने अपने बचपन के दिन नाना -नानी  या दादा -दादी  के पास बिताये हैं वो तो चांदनी रातें भूलने से रहे खासकर जो गाँव में रहे और खुले आसमान के निचे तारों को गिनकर या कहानियाँ सुनकर जिनकी रातें कटी हों गर्मी लगने पे नीले आसमान के तले और अगले ही पल बारिश आते ही अन्दर की तरफ दौड़ना अगर ऐसा आपका बचपन गुजरा है तो आप से खुशनसीब इस दुनिया में कोई नहीं क्यूँ  की अब तो ऐसा कम ही देखने को मिलता है  वैसे ये गाना एक प्यार करने वाली लड़की अपने पिया के लिए गा रही है जो की उसके पास नहीं है और उनके आने के इंतजार में है इस इंतजार में जो दिल की हालत है वो ये अल्फाज बयाँ करते है चलिए तो इसी  प्यारे नगमे की बात करते है जो चांदनी रातों में उसकी खूबसूरती को दोगुना कर देता है पता नहीं क्यूँ मेरे साथ ही ऐसा होता है या आपके साथ भी की मुझे हमेशा रीमेक गाना ही पहले मिलता है और वो कुछ तो इतने दिल पे छा जाते हैं की बाद में उसका ओरिजिनल फीका लगने लग जाता है में बात कर रहा हूँ सनाह के गाये चांदनी रातें की जिसको की नूरजंहा ने आवाज दी थी और उसका सिंगल भी रिलीज़ हुआ था जिसको शमशा कँवल ने अपनी आवाज दी इन दोनों को ही मैंने बाद में सुना और सनाह को सबसे पहले और वही असर कर गया इतनी मीठी आवाज और ये अल्फाज .............

                                        सनाह केरला से हैं और हिन्दुस्तानी क्लासिकल और वेस्टर्न म्यूजिक दोनों की उन्होंने शिक्षा ली है वो पांच साल की उम्र से संगीत की साधना में लगी है और कई बॉलीवुड की फिल्मों में भी गा चूकी  हैं जिनमें मोहेन्जोदारो का गाना ''तू है '' भी शामिल है जो काफी पसंद किया गया और वो सनम पूरी के साथ ''दुआ '' और ''ये रातें ये मौसम '' गानों में भी दिख चूकी है जो की मेरा पसंदीदा भी है लेकिन ये वो गाना नहीं जिसकी वजह से मेरी उत्सुकता उनके बारें में जानने की हुई वो गाना था ''दिल है की मानता नहीं '' जिसको उन्होंने अपने ही अंदाज में गाया है वैसे इस प्यारे गीत के अल्फाज है मुंशीर काज़मी के तो सुनिए इस प्यारे से गाने को और साथ में जिन्होंने नूरजहाँ की आवाज में इसे नहीं सुना है वो भी यहाँ सुन सकते है

3 comments:

  1. ये रातें ये मौसम सनम और सनाह के गया गीत मेरा भी पसंदीदा गाना है ...
    ये गाना भी मस्त कर देने वाला है ...

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    1. जानकर खुशी ही दिगम्बर जी की आपको भी मेरी तरह सनाह की गायकी पसंद है

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  2. Nice artical write kiya hai apne

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