बुलबुल ने गुल से गुल ने बहारों से कह दिया
एक चौदवीं के चाँद ने तारो से कह दिया
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
तुम बादशाह-ऐ -हुस्न हो हुस्न ऐ जहां हो
जाने वफ़ा हो और मोहब्बत की शान हो
जलवे तुम्हारे हुस्न के तारो से कम नहीं•••••
●●●●●●●●
ग़ज़लों के शहंशाह मेहदी हसन ने इसे जिस खूबसूरती से गाया है
वो बेमिसाल है
पर सात समंदर पार कोई जब इन ग़ज़लों को
इतनी खूबसूरती से गाता है तो ज़िक्र होना लाज़मी है
और यह शख्सियत है तान्या वेल्स जो हिंदुस्तान में 3 साल
इसलिए आकर रही क्योंकि उन्हें भारतीय संगीत सीखना था
और अब जब वो गाती है
तो दिल को वाकई सुखद एहसास होता है
एक चौदवीं के चाँद ने तारो से कह दिया
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
तुम बादशाह-ऐ -हुस्न हो हुस्न ऐ जहां हो
जाने वफ़ा हो और मोहब्बत की शान हो
जलवे तुम्हारे हुस्न के तारो से कम नहीं•••••
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ग़ज़लों के शहंशाह मेहदी हसन ने इसे जिस खूबसूरती से गाया है
वो बेमिसाल है
पर सात समंदर पार कोई जब इन ग़ज़लों को
इतनी खूबसूरती से गाता है तो ज़िक्र होना लाज़मी है
और यह शख्सियत है तान्या वेल्स जो हिंदुस्तान में 3 साल
इसलिए आकर रही क्योंकि उन्हें भारतीय संगीत सीखना था
तो दिल को वाकई सुखद एहसास होता है
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